Sickel Cell
Anemia –
Sickel Cell
Disease - एक Genetic
disorder है जिसका
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान – एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी
में कोई निश्चित इलाज
नहीं है | यद्यपि यह रोग
किसी स्थान पर किसी
भी जाती में
हो सकता है
लेकिन प्रायः sickle cell disease कुछ ख़ास
इलाकों में रहने
वाली कुछ खास
जातियों में ज्यादा
पाया जाता है | यह
माता पिता के
जीन्स से संतान
को genetic मिलता है |
यह कहना मुश्किल है
कि यह बीमारी कब
और कहाँ से आई
| लेकिन
यह देखा गया
है कि यह disease उस जगह
में ज्यादा है
जहाँ malaria बहुतायत में रहा
है | वैज्ञानिकों का अनुमान
है कि malaria parasite से बचने
के लिए कभी RBCs
ने यह
रक्षात्मक रूप धारण
किया होगा |
Sickle Cell क्या है –
Sickle cell disease
में रोगी के RBC
– आक्सीजन की कमी
से हंसिये की शक्ल
में परिवर्तित को
जाते है | अंग्रेजी
में हंसिये को sickle कहा जाता
है और इसलिए
इसे sickle cell
disease कहा जाता
है |
चूँकि हँसिये का
रूप लिए यह cells शरीर के विभिन्न अवयवों
में पहुँच कर
रूकावट पहुंचता है |
इस Genetic disease से ग्रसित
बच्चा 6 माह की आयु
के
पश्चात् कभी
बुखार, कभी सर्दी, कभी
पेट दर्द, कभी
जोड़ों व गठानों
की सुजन और कभी
ब्लड
की कमी के
शिकार रहते है |
Sickle cell से liver, spleen, heart, lungs,
kidney इत्यादि आवश्यक
अंगों के ख़राब
होने का अंदेशा
रहता है |
Sickled RBCs -
HbS की गुणवत्ता HbA
से भिन्न हिती है |
सिकल ग्रस्त (HbS) रक्त कोशिकाएं –
·
इन
cells की आयु (लगभग 10-12 दिन ) सामान्य RBCs ( 120 दिन ) से कम होती
है |
·
ये तिल्ली
में जल्दी नष्ट
हो जाती है |
·
शरीर
की उत्पादन प्रक्रिया
इस बढ़ी हुई
मांग की पूर्ति
नहीं कर पाती और
खून की कमी Anemia हो जाता है |
·
Sickled RBCs शरीर के
विभिन्न अंगों में
फंस जाती है
और अंगों की blood
supply में
बाधा पहुँचती है |
इस कारण इस
बीमारी के अनेक
लक्षण उत्त्पन्न हो जाते
है |
Sickle Cell के patients दो प्रकार के होते है -
(1) सिकल वाहक ( AS ) - इसे Sickle Cell Carrier या Sickle Cell Trait या Heterozygots भी कहते
है | इसमें सिकल
का एक जीन
होता है | लेकिन
रोग के कोई
लक्षण नहीं होते | इन्हें
किसी तरह के
इलाज की आवश्यकता नहीं
होती ये सामान्य जीवन
व्यतीत करते है
और जब अनजाने
में दूसरे सिकल
रोगी या वाहक
से विवाह करते
है तो सिकल
पीड़ित संतान पैदा
होने की संभावना
बढ़ जाती है |
(2) सिकल रोगी ( SS ) - इसे Sickle Cell Disease या Sickle Cell Sufferer या Homozygots भी कहते है | जब माता व पिता दोनों से असामान्य जींस ( SS ) मिलते है तो संतान Sickle Cell Disease होती है | इसे Sickle Cell Anemia कहा जाता है | इस स्थिति में रोग के सभी लक्षण मिलते है |
Sickle
Cell Anemia के लक्षण -
1.
खून
की कमी होना (Anemia)
2.
जल्दी
थक जाना, साँस फूलना,
चिड़चिड़ापन, खानपान में
अरूचि आदि |
3.
हाथ
पैर की उँगलियों
एवं जोड़ों में
सूजन व दर्द |
4.
Heptomegaly,
Splenomegaly.
5.
बार –बार सर्दी, बुखार
|
6.
प्रतिरोधक क्षमता की कमी |
7.
शारीरिक
विकाश में कमी |
8.
महिलाओं
में बार-बार गर्भपात
एवं खून की कमी
इत्यादि
लक्षण पाए जाते
है
Sickling एक नजर -
1.
यह
एक आनुवंशिक बीमारी
है |
2.
खानपान
या कुपोषण के
कारण यह नहीं
होती है |
3.
रक्त
संक्रमण या समागम
से यह नहीं
फैलती |
4.
सिकल सेल
वाहक (AS) व्यक्ति सिकल सेल रोगी
(SS) नहीं बन
सकता |
5.
इस
बीमारी से प्रजनन
क्षमता और बुद्धिमता
पर असर नहीं पड़ता है |
6.
यह
छूत की बीमारी
नहीं है |
7.
सिकल
सेल का दर्द
कब उभरेगा इसका
अंदाजा नहीं लगाया
जा सकता |
8.
दवा
के माध्यम से सिकलसेल पैटर्न ( SS से AS और AS से SS ) में नहीं
बदला जा सकता
है |
9.
सिकल सेल की उत्पत्ति
bacteria या virus से
नहीं होती हैं |
10. सिकल
सेल वाहक को कोई तकलीफ
नहीं होती है |
11.
सिकल सेल
ग्रस्त स्त्री –पुरूष शादी
कर सकता है |
12.
उचित
दवा एवं देखभाल
से रोगी की
आयु बढ़ती है |
13.
Permanent इलाज के
लिय एलोपैथी, आयुर्वेदिक,
होम्योपैथी में कोई
दवा नहीं है |
Sickle Cell
Test-
सिकल सेल
रोग की जाँच blood test द्वारा की
जाती है | तीन
तरह की blood
test उपलब्ध है |
1.
Solubility
Test ( Test tube Method) – Screening test
2.
Sickling Test ( Slide Method) – Screening test
3.
Electrophoresis
Test ( Abnormal Haemoglobin Studies Hb Variants Blood)- Confirmatory
Test
Sickling Test कैसे
करते है – (
Slide Method)
यह एक Screening test है प्रायः
सभी पैथोलॉजी लैब
में इस विधि
से sickling test किया जाता
है |
Principle:
Sodium
meta bisulphate reduces the
oxygen tension inducing
the typical sickle
shape of red blood cells.
Requirement:
1.
Microscopic
glass slide.
2.
Cover slip ( 24 mm
or 18 mm ).
3.
EDTA Blood.
4.
Paraffin wax.
5.
Droper
6.
Mixing stick
7.
Sodium meta bisulphate
2%
(
Sodium meta bisulphate - 2gm ,
Distilled water – 100 ml , mix and use
fresh solution )
8.
Microscope.
9.
Cotton.
Method:
1.
एक
clean and dry microscopic glass
slide लें |
2. Slide के बीचो बीच one drop EDTA blood रखे |
3. अब slide में लिए गये Blood के ऊपर दो-तीन Drop sodium meta bisulphate 2% सलूशन डालें |
और mixing stick की सहायता से mix करें |
4.
या
एक clean & dry test tube
में 4-5
drop 2% sodium meta bisulphate solution लें
और one drop
EDTA Blood डाल कर mix कर ले |
5.
अब
Cover slip को slide में blood के ऊपर
इस प्रकार रखें (
Cover करें ) कि Cover slip के
अन्दर air bubbles न हो |
6. Cover slip के बाहर बहे हुए slide के extra blood को कॉटन से साफ कर लें |
7.
Cover slip को चारों तरफ से
paraffin wax से pack करें |
8. Slide पर patient ID या Name लिखकर after 24 hours room tamperature पर रखने के पश्चात् microscope में hi power में RBC का shape देखें और सिकल सेल्स count करें |
9.
Calculation – sickle cell % = Number
of Sickle cell /100 * 100
Exp. - 20/100*100 = 20%
Precautions :
1.
Cover slip
की चौड़ाई glass
slide से कम हो
|
2.
Blood और sodium meta bisulphate
2% सलूशन इतना
ही डाले कि ज्यादा डार्क स्लाइड या
ज्यादा फीकी स्लाइड
न बने, स्लाइड
में RBCs अलग अलग
रहे , देखने के
समय साफ-साफ एक- एक
RBCs को देखा जा सके
|
3.
Slide के blood में cover slip लगाते समय air
bubbles न रहे |
4.
Sickling slide में cover slip को अच्छे से pack करे | ताकि
अन्दर का ब्लड सूखने
न पाए |
5.
इस
method में result, slide
बनने के 24
hours के बाद ही दे
|
6.
Sodium meta bisulphate 2%
सलूशन fresh use करे |
इस प्रकार से
आप भी Sickling slide बना
कर microscope से देख सकते है |
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Nice post
ReplyDeleteOkh समज मे आया सर..
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteSandr ek dam bhut acche se smj m aaya
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteKnowledgeable:):)
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