Jan 28, 2018

Sickle Cell क्या है | Sickling Test कैसे करते है – ( Slide Method)



Normal & Sickled RBC



Sickel  Cell  Anemia –


Sickel  Cell  Disease -  एक  Genetic  disorder  है  जिसका  आधुनिक  चिकित्सा  विज्ञान – एलोपैथी,  आयुर्वेदिक,  होम्योपैथी  में  कोई  निश्चित  इलाज  नहीं है |  यद्यपि  यह  रोग किसी  स्थान  पर  किसी  भी  जाती  में  हो  सकता  है  लेकिन  प्रायः  sickle cell disease  कुछ  ख़ास  इलाकों  में  रहने  वाली  कुछ  खास  जातियों  में  ज्यादा  पाया  जाता  है | यह  माता  पिता  के  जीन्स  से  संतान  को  genetic  मिलता  है |  यह  कहना  मुश्किल है  कि यह  बीमारी  कब  और  कहाँ  से  आई |  लेकिन  यह  देखा  गया  है  कि  यह  disease  उस  जगह  में  ज्यादा  है  जहाँ  malaria  बहुतायत  में रहा  है |  वैज्ञानिकों  का  अनुमान  है  कि  malaria parasite से  बचने  के  लिए  कभी  RBCs  ने  यह  रक्षात्मक  रूप  धारण  किया  होगा |

Sickle  Cell  क्या  है –


 Sickle cell  disease  में  रोगी  के  RBC – आक्सीजन  की  कमी  से  हंसिये  की शक्ल  में  परिवर्तित  को  जाते  है |  अंग्रेजी  में  हंसिये  को  sickle  कहा  जाता  है  और  इसलिए  इसे  sickle  cell  disease  कहा  जाता  है |

चूँकि   हँसिये   का   रूप  लिए  यह  cells  शरीर  के  विभिन्न  अवयवों  में  पहुँच  कर   रूकावट  पहुंचता  है |

इस   Genetic disease  से  ग्रसित  बच्चा  6 माह  की  आयु  के  पश्चात्   कभी  बुखार, कभी  सर्दी,  कभी  पेट  दर्द,  कभी  जोड़ों  व  गठानों  की  सुजन  और  कभी  ब्लड   की  कमी  के  शिकार  रहते  है | 

Sickle cell  से  liver, spleen, heart, lungs, kidney  इत्यादि  आवश्यक  अंगों  के  ख़राब  होने  का  अंदेशा  रहता  है |



Sickled  RBCs  -


HbS  की  गुणवत्ता  HbA  से भिन्न  हिती  है |  सिकल ग्रस्त  (HbS)  रक्त  कोशिकाएं –

·        इन  cells  की  आयु  (लगभग  10-12 दिन  )  सामान्य  RBCs ( 120 दिन ) से  कम  होती  है |

·        ये  तिल्ली  में  जल्दी  नष्ट  हो  जाती   है |

·        शरीर  की  उत्पादन  प्रक्रिया  इस  बढ़ी  हुई  मांग  की  पूर्ति  नहीं  कर पाती  और  खून  की कमी  Anemia  हो  जाता  है |

·        Sickled  RBCs  शरीर   के  विभिन्न  अंगों  में  फंस  जाती  है   और  अंगों  की  blood supply   में  बाधा  पहुँचती  है |  इस  कारण  इस   बीमारी  के  अनेक  लक्षण  उत्त्पन्न  हो जाते  है | 


Sickle Cell   के   patients  दो  प्रकार  के  होते  है -  

  

(1)           सिकल  वाहक ( AS ) -  इसे  Sickle Cell Carrier   या   Sickle Cell Trait  या  Heterozygots   भी  कहते  है |  इसमें  सिकल  का  एक  जीन  होता  है |  लेकिन  रोग  के  कोई  लक्षण  नहीं  होते | इन्हें  किसी  तरह  के  इलाज  की आवश्यकता  नहीं  होती  ये सामान्य  जीवन  व्यतीत  करते  है  और  जब  अनजाने   में  दूसरे  सिकल  रोगी  या  वाहक  से  विवाह  करते  है  तो  सिकल  पीड़ित  संतान  पैदा  होने  की  संभावना  बढ़  जाती  है |

(2)          सिकल  रोगी  ( SS ) -   इसे  Sickle Cell Disease   या   Sickle Cell Sufferer   या  Homozygots  भी  कहते  है |  जब  माता  व  पिता  दोनों  से  असामान्य  जींस  ( SS )  मिलते  है  तो  संतान  Sickle Cell Disease   होती  है |  इसे  Sickle Cell  Anemia  कहा  जाता  है  |  इस  स्थिति  में  रोग  के सभी  लक्षण  मिलते  है |    


sickle cell genotype

  

Sickle  Cell  Anemia   के  लक्षण  -


1.     खून  की  कमी  होना  (Anemia)

2.   जल्दी  थक  जाना, साँस  फूलना,  चिड़चिड़ापन,  खानपान  में  अरूचि  आदि |

3.   हाथ  पैर  की  उँगलियों  एवं  जोड़ों  में   सूजन  व  दर्द  |

4.    Heptomegaly, Splenomegaly.

5.   बार –बार  सर्दी, बुखार  |

6.   प्रतिरोधक क्षमता  की कमी |

7.    शारीरिक  विकाश  में कमी |

8.   महिलाओं  में  बार-बार  गर्भपात  एवं  खून  की  कमी  इत्यादि  लक्षण  पाए  जाते  है 



Sickling   एक  नजर  -


1.     यह  एक  आनुवंशिक  बीमारी  है |

2.   खानपान  या  कुपोषण  के  कारण  यह  नहीं  होती  है |

3.   रक्त  संक्रमण  या  समागम  से  यह  नहीं  फैलती | 

4.   सिकल  सेल  वाहक (AS) व्यक्ति  सिकल  सेल रोगी  (SS) नहीं बन  सकता |

5.   इस  बीमारी  से  प्रजनन  क्षमता  और  बुद्धिमता  पर असर नहीं  पड़ता  है |

6.   यह   छूत  की  बीमारी  नहीं  है  |

7.    सिकल  सेल  का  दर्द  कब  उभरेगा  इसका  अंदाजा  नहीं  लगाया  जा सकता |

8.   दवा  के माध्यम  से सिकलसेल  पैटर्न ( SS  से  AS और  AS  से  SS ) में  नहीं  बदला  जा  सकता  है |

9.   सिकल सेल  की उत्पत्ति  bacteria  या  virus  से  नहीं  होती  हैं |

10.  सिकल सेल वाहक को  कोई  तकलीफ  नहीं होती है |

11.   सिकल सेल  ग्रस्त  स्त्री –पुरूष  शादी  कर  सकता  है |

12.                         उचित  दवा  एवं  देखभाल  से  रोगी  की  आयु  बढ़ती  है |

13.                         Permanent  इलाज  के  लिय  एलोपैथी,  आयुर्वेदिक,  होम्योपैथी   में  कोई  दवा  नहीं है |


Sickle  Cell  Test-


सिकल  सेल  रोग  की  जाँच  blood test  द्वारा  की  जाती  है |  तीन  तरह  की  blood  test  उपलब्ध  है |

1.     Solubility  Test ( Test tube Method) – Screening test

2.   Sickling Test ( Slide Method) – Screening test

3.   Electrophoresis  Test ( Abnormal   Haemoglobin  Studies Hb Variants Blood)- Confirmatory Test


Sickling Test  कैसे  करते  है ( Slide Method)


यह  एक  Screening test  है  प्रायः  सभी  पैथोलॉजी  लैब  में  इस  विधि  से  sickling test  किया  जाता  है |



Principle:

Sodium  meta bisulphate  reduces  the  oxygen  tension  inducing  the  typical  sickle  shape  of   red blood cells.


Requirement:


1.     Microscopic  glass  slide.

2.   Cover  slip  ( 24 mm  or  18 mm ).

3.   EDTA Blood.

4.   Paraffin  wax.

5.   Droper 

6.   Mixing stick  

7.    Sodium meta bisulphate  2%

(  Sodium meta bisulphate  - 2gm , Distilled water – 100 ml , mix  and  use  fresh  solution )

8.   Microscope.

9.   Cotton.


sickling test reqirement


Method:


1.     एक  clean and dry  microscopic  glass  slide   लें |


Gloss Slide

2.   Slide  के  बीचो बीच  one  drop  EDTA blood   रखे |


Sickling test -blood



3.   अब  slide  में  लिए  गये  Blood   के  ऊपर  दो-तीन   Drop  sodium  meta bisulphate  2%  सलूशन  डालें |


Sickling 2% sodium metabisulphate

और  mixing  stick  की  सहायता  से  mix  करें |



  

4.   या  एक  clean & dry   test tube  में  4-5 drop  2% sodium meta bisulphate  solution  लें  और  one  drop  EDTA Blood  डाल  कर  mix  कर  ले | 


sodium metabisulphate 2% solution
2%sodium metabisulohate and Blood


5.   अब   Cover slip   को   slide   में   blood   के  ऊपर  इस  प्रकार  रखें  ( Cover करें  ) कि  Cover slip   के  अन्दर  air bubbles   न  हो |


Sickling cover slip

6.   Cover slip  के  बाहर  बहे  हुए  slide  के  extra blood  को  कॉटन  से  साफ कर लें |


Sickling cover slip clean


7.    Cover  slip  को   चारों  तरफ  से  paraffin  wax  से  pack  करें  |


Sickling packing by wax

8.   Slide  पर   patient ID  या  Name   लिखकर  after  24 hours room tamperature   पर  रखने  के पश्चात्   microscope  में  hi power  में  RBC  का  shape  देखें  और  सिकल सेल्स  count  करें  |


sickling slide test


9.   Calculation – sickle cell % = Number of  Sickle cell /100 * 100  

      Exp. -    20/100*100 = 20%




Precautions :


1.     Cover slip  की  चौड़ाई   glass  slide  से  कम  हो |

2.   Blood   और  sodium meta bisulphate  2%  सलूशन  इतना  ही   डाले  कि  ज्यादा  डार्क  स्लाइड  या  ज्यादा  फीकी  स्लाइड  न  बने,  स्लाइड  में  RBCs  अलग  अलग  रहे ,  देखने  के  समय  साफ-साफ  एक- एक  RBCs  को  देखा  जा  सके |

3.   Slide  के  blood  में  cover slip  लगाते  समय  air bubbles  न  रहे |

4.   Sickling  slide   में  cover slip  को   अच्छे  से  pack  करे |  ताकि  अन्दर  का ब्लड  सूखने  न  पाए |

5.   इस  method  में  result,   slide  बनने  के  24  hours  के  बाद  ही  दे |

6.   Sodium meta bisulphate  2%  सलूशन  fresh  use  करे |


HBsAg Test  कैसे करते  है





इस  प्रकार  से  आप  भी  Sickling slide   बना  कर  microscope  से  देख  सकते  है |


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