एड्स ( AIDS )
एड्स ‘अक्वायर्ड इम्यून
डेफिशियेंसी सिंड्रोम ’ (Acquired Immune
Deficiency Syndrome) , AIDS या ‘अर्जित
रोगक्षम हीनता संलक्षण ’ कहा
जाता है |
एड्स ऐसी बीमारी है | जिसमें मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता का बिलकुल ह्रास हो जाता है | जिससे रोगी न केवल शारीरिक एवं मानसिक रूप से दुर्बल हो जाता है , अपितु साधारण बुखार, सर्दी –खांसी आदि होने पर उनके प्रभाव को वह सहन नही कर पाता हैं | वह या तो अत्यधिक कष्ट में होता है या अंततः मृत्यु को प्राप्त हो जाता है |
यह ( AIDS ) एक
जानलेवा बीमारी है
जो कि HIV (Human Immunodeficiency Virus) वायरस के
द्वारा होती है | HIV
virus के कारण
रोग प्रतिरोधक क्षमता
कम हो जाती
है | प्रयोगशाला में HIV virus परीक्षण
में पाया जा
सकता है
एड्स ( AIDS
) कैसे उत्पन्न
होता है :
कोई भी व्यक्ति
एड्स से संक्रमित
हो सकता है
और कई वर्षो
तक पूर्ण स्वस्थ्य
दिखाई और महसूस कर
सकता है | इस
समय वह बीमारी
फैलता सकता है |
एच.आई.वी. वायरस शरीर
में एक बार
पहुँचने के बाद
खून( Blood) , वीर्य (Semen), और योनि रस (Vaginal Fluid) में
पाया जा सकता
है | वायरस शरीर
में धीरे-धीरे आक्रमण
करते हुए रोग प्रतिरोधक
क्षमता
को ख़त्म कर देता
है |
एड्स ( AIDS ) कैसे फैलता है :
·
संक्रमित
व्यक्ति से असुरक्षित यौन –सम्बन्ध
बनाने से |
·
संक्रमित सुई , इंजेक्शन, ब्लेड, सर्जरी
औजारों के उपयोग से
|
·
संक्रमित
खून चढ़ाने से |
·
संक्रमित
मां के द्वारा जन्म
लेने वाले बच्चे
को |
एड्स ( AIDS ) नहीं फैलता है :
·
एड्स
रोग से ग्रस्त
रोगी से हाथ
मिलाने से, चूमने
से, या कसकर पकड़ने
से |
·
एड्स रोग
से ग्रस्त
व्यक्ति के साथ
रहने से या खाना खाने
से |
·
छींकने
या खांसने से |
·
मच्छर
के काटने से |
·
आंसू
या थूक से एड्स
के फैलने का
कोई निश्चित प्रमाण
नहीं है |
एड्स ( AIDS
) के लक्षण :
·
दस
प्रतिशत से ज्यादा
वजन में कमी |
·
एक
माह से ज्यादा
पुराना दस्त |
·
एक
माह से ज्यादा लगातार
या रुक-रुक कर
आने वाला बुखार |
·
एक
महीने से ज्यादा
लगातार खांसी |
·
सारे
शरीर में खुजली |
·
बार-बार
हर्पीस जोस्टर का संक्रमण |
·
मुंह
व गले की
नली में कैंडिडा
फफूंद का संक्रमण |
·
धीरे धीरे
बढ़ने वाला पुराना
हर्पीस सिम्पलेग्स |
·
सम्पूर्ण
शरीर में लिम्फ
गांठ का बढ़ना |
एड्स ( HIV ) के लिए Test:
ELISA Test- (Enzyme-linked immunosorbent
assay) एड्स की जाँच करने
के लिए ELISA test भी किया जाता
है। यह जांच
पॉजिटिव आने पर,
इसकी पुष्टि करने के लिए Western Blot test किया जाता
है। एच आई वी संक्रमण के विंडो पीरियड ( संक्रमण के शरुआती
3 हफ्ते से 6
महीने तक का समय )
में यह जांच
फॉल्स नेगेटिव भी आ सकती है।
फॉल्स नेगेटिव का मतलब,
परीक्षण करने पर
परिणाम नकारात्मक हो, जबकि वास्तव में
वह वायरस शरीर में
उपस्थित होता है।
Western Blot test- HIV एंटीबाडी
जाँच को निश्चित करता
है |
Viral Load Test – इस
जांच में खून
में एच आई वी वायरस की
मात्रा की जांच
की जाती है। यह जांच उपचार
के दौरान, पीड़ित में
हो रहे सुधार के आकलन
में काम आती
है।
HIV Antigen Test – शरीर
में, एच आई वी का संक्रमण
होने के बाद,
एंटीबॉडी बनने में काफी वक़्त
लगता है। लेकिन
इसके एंटीजन (नया एच आई वी वायरस) जल्दी तैयार हो जाते हैं। इसलिए
एच आई वी एंटीजन टेस्ट करने
पर, एच आई वी के संक्रमण
होने की पुष्टि कुछ दिनों में
ही हो जाती
है और तुरंत उपचार
एवं अन्य व्यक्तियो
में इसके फैलाव
होने से भी रोका
जा सकता है।
CD4 Count - CD4 सेल्स,
रोग प्रतिरोधक
शक्ति का एक महत्वपूर्ण
अंग है। सामान्य स्वस्थ्य व्यक्ति में CD4 सेल्स कि
संख्या 500-1500 cells /mm3
होती है। यदि
किसी व्यक्ति में CD4
सेल्स कि संख्या
200 cells /mm3
से कम आती है, तो उस व्यक्ति को एड्स
से पीड़ित कहा जाता
है।
Saliva Test- एक
कॉटन पैड पर मुंह के
अंदर से थूक
(saliva) का नमूना लेकर, प्रयोगशाला में जांच
की जाती है। यह जांच पॉजिटिव आने पर, एच आई वी की पुष्टि
करने के लिए, अन्य ब्लड टेस्ट
किये जाते हैं।
HIV I & II- मुख्य रूप से दो भागों में
बांटा गया है, एच आई वी टाइप 1 (HIV-1) और एच आई
वी टाइप 2 (HIV-2), इनमें
से टाइप 1
का सम्बन्ध, पश्चिमी अफ्रीका में पाये
जाने वाले, चिम्पांजी
और गोरिल्ला से है। एच आई वी टाइप 1 और 2
की जाँच करने
के लिए, रक्त परिक्षण
किया जाता है। एड्स
के diagnosis करने के लिए
HIV I & II
की Blood
test की जाती है शरीर में HIV का संक्रमण होने
के बाद शरीर HIV
antibodies का निर्माण करती
है | यह antibodies शरीर
में निर्माण होने
पर व्यक्ति को HIV Positive
कहा जाता है | HIV के संक्रमण होने
के बाद शरीर
में HIV antibodies निर्माण होने
में 1
से 2 हफ्ते या 6
महीने तक का
समय लगता है
और इस समय
को window period कहा जाता है
| HIV virus शरीर में
मौजूद होने के
बावजूद इस कालावधि
में पीड़ित व्यक्ति
की HIV Blood
report सामान्य आ
सकती है | और
दूसरो को infection
फैला सकता है |
HIV – Lab technician के
लिए सावधानियाँ –
·
हमेशा hand gloves का
उपयोग करके ही
कार्य करें |
·
Blood या specimen
को छूने
से बचे |
·
दूसरों के
उपयोग किये हुए
ब्लेड , कान के इयरिंग,
नेलकटर , सीरिंज, नीडल
इत्यादि से बचे |
·
हमेशा disposable या disinfection syringe, surgical instrument का उपयोग
करें |
·
लैब में hand gloves, फुल शर्ट ,
apron, जूते
मोन्जे का उपयोग
करे |
·
फैले हुए blood को साफ करने
के लिए नए सोलुशन,
ब्लीच और पानी का
उपयोग करें |
·
Test
के बाद blood
sample को छूने, साफ
करने के बाद साबुन, स्प्रिट, एंटीसेप्टिक सोलुशन का use करें |
HIV Test कैसे
करते है – TRI-DOT द्वारा
HIV Test की सुइधा आज कल
प्रायः सभी pathology lab में
उपलब्ध है | यह viral
marker test के अंतर्गत आता
है और प्रायः compulsory
test है |
HIV TRI-DOT द्वारा HIV Test कैसे
करते है
HIV TRI-DOT
Rapid Visual Test
for the Qualitative
Detection of Antibodies to HIV
1 & HIV 2 in Human
Serum/Plasma Separate Dots
for HIV 1. HIV 2 & Control.
HIV TRI-DOT test only a screening
test “ Reactive” Result को confirmatory test करें |
Requirement -
·
HIV TRI-DOT Test
device
·
Buffer
Solution
·
Protein-A Conjugate
·
Sample Dropper Or Micro pipette with
Tips
Precautions –
·
अपने हाथों
पर hand gloves
लगायें |
·
HIV TRI-DOT kit को 8-20 °C पर store करे |
·
HIV TRI-DOT kit को room tamperature पर
10 मिनट रखने
के बाद use करे |
·
HIV TRI-DOT devise का pouch, test के समय
तुरंत open करे |
·
HIV TRI-DOT devise के साथ दिए
गए accessories आदि single
use करे |
·
HIV TRI-DOT devise
को freezer में न रखे
|
Specimen Collection
·
HIV TRI-DOT test के लिए serum/plasma ही use करे |
·
Sample
dropper or microtips
single ही use करे |
·
Test
के लिए sample, immediately
use यदि न हो सके तो 2 -8°C पर 3 days रख
सकते है
·
Specimen (sample ) को test से
पहले 10,000 rpm पर 15
minutes centrifuge
करके ही use करे |
Test
Procedure
·
HIV TRI-DOT devise
को test से पहले room
tamperature पर रखे |
·
HIV TRI-DOT devise
के pouch को open
करे
·
Required ID
or patient name label
करे
·
Add
3 drops Buffer Solution, device के center (Test area ) में
डाले |
Buffer Solution को device द्वारा सोखने के बाद
·
Add 1 (one) Drop of
patients sample ( Serum/Plasma). (Kit के साथ दिए गए sample
dropper ही Use करें और हर
-एक Test के लिए separate sample
dropper Use करें
)
patients sample को device द्वारा सोखने
के बाद
·
Add 5 Drops
Buffer Solution का फिर
डाले |
Buffer Solution को device द्वारा सोखने के बाद
·
Add
2 Drops Liquid
Conjugate का directly Conjugate vial
से डाले |
Liquid
Conjugate को device द्वारा सोखने के बाद
·
Add 5
Drops Buffer Solution का फिर
डाले |
Read result
Read Result immediately and discard the devise. क्योंकि Devise को
बहुत ही संक्रामक
माना जाता है |
Result
HIV TRI-DOT
devise test area
( Center) में “Control ” and “HIV 1” “HIV 2” Pink Dots दिखाई
देगा |
Non Reactive
·
यदि devise में केवल One
Pink Dot “Control” पर दिखाई दे तो इस Patient
Sample में HIV 1
& HIV 2 Antibodies
- Non Reactive
हैं |
Reactive
·
यदि devise में Two
Pink Dots “Control”
और HIV 1 पर दिखाई
दे तो इस Patient
Sample में HIV 1
Antibodies - Reactive
हैं |
·
यदि devise में Two
Pink Dots “Control”
और HIV 2 पर दिखाई
दे तो इस Patient
Sample में HIV 2
Antibodies - Reactive
हैं |
·
यदि devise में Three
Pink Dots “Control”
“HIV 1 ” और “HIV 2 ” तीनों में दिखाई
दे तो इस Patient
Sample में HIV 1 & HIV
2 Antibodies
- Reactive हैं |
Invalid
Test
·
यदि devise में कोई भी Pink
Dots “Control” “HIV
1 ” और “HIV
2 ” तीनों में दिखाई न
दे
या पूरे Center (area) में Pink Color दिखाई
दे तो यह HIV
TRI-DOT ख़राब है |
यह Test Invalid हैं |
इस प्रकार से
आप भी HIV TRI-DOT device से HIV
Test कर सकते
है |
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