Blood Pressure क्या है ? What is blood pressure?
रक्तचाप (Blood Pressure ) रक्तवाहिनियों में बहते Blood द्वारा रक्तवाहिनियों की दीवारों पर डाले गये दबाव को कहते हैं। धमनियां (Arteries)वह नलिका है जो पंप करने वाले Heart से blood को body के सभी tissues और इंद्रियों तक ले जाते हैं।
ब्लड प्रेशर के प्रकार(Types of blood pressure)
सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic blood pressure)
यह एक pressure है, जिसमे heart को blood pump करने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है | इससे blood vessels पर pressure पड़ता है और इस स्थिति को systolic blood pressure कहते हैं |
डिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Diastolic blood pressure)
Heart एक बार धड़कने के बाद और second बार धड़कने से पहले यानी दोबारा दिल धड़कने से पहले arteries के ऊपर पड़ने वाले pressure को Diastolic blood pressure कहते हैं |
उदहारण के लिए यदि किसी की BP 120 /80 mm Hg है तो 120 systolic blood pressure और 80 Diastolic blood pressure है |
Blood pressure को mm Hg (मिली मीटर ऑफ़ मर्करी) इकाई में मापा हैं |
Normal blood pressure
सिस्टोलिक-120-130 mm Hg
डायस्टोलिक-70-80 mm Hg
ब्लड प्रेशर क्यों बढ़ जाता है? Why does blood pressure increase?
Temperature में कमी आने से Blood Arteries सिकुड़ने लगती हैं और रक्त गाढ़ा (Thick Blood) हो जाता है, जिससे हृदय (Heart) और मस्तिष्क (Brain) पर रक्त का दबाव (Blood Pressure) बढ़ जाता है, ज्यादा तला भुना, मसालेदार, नमकीन खाने, अनियमित आहार - विहार, देर रात तक जागना सुबह देर से उठना , व्यायाम की कमी, डिहाइड्रेशन (Dehydration), चिंता(Anxiety)एवं कार्डियो एक्सरसाइज (रनिंग, ब्रिस्क वॉकिंग, स्विमिंग या साइकिलिंग) की कमी, वजन की अधिकता , जन्म जात बिमारियों के कारण जो हेल्दी ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यही नहीं, हार्ट रेट बढ़ने, hormonal changes, environmental changes, dietary habit, नमक ज्यादा खाने और बहुत ज्यादा इमोशनल होने से भी blood pressure बढ़ता है।
हाई ब्लड प्रेशर(High blood pressure)
आराम के समय पर यदि यह 140/90 mmhg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है
High blood pressure को silent killer भी कहा जाता है क्योंकि इसके कोई खास symptoms नहीं दिखते। High blood pressure के कारण व्यक्ति को सिरदर्द(headache), चक्कर आना(dizziness), शिथिलता( dysfunction), सांस में परेशानी(shortness of breath due to difficulty), नींद न आना( inability to sleep), जरा सी मेहनत करने पर सांस फूलना, Chest pain, नाक से खून निकलना जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर यह समस्या long time तक बनी रहे तो Heart, kidney, brain, eyes के लिए घातक हो सकते है व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
बचने के उपाय
खूब पानी पिएं और exercises करें, अच्छी नींद लें, stress कम करें, धूम्रपान एवं Alcohol का सेवन बिल्कुल ना करें, नमक की मात्रा कम लें, चाय काफी का उपयोग कम करें
निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure)
किसी भी व्यक्ति के normal blood pressure 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का blood pressure 90/60 से नीचे चला जाता है सिस्टोलिक(systolic) के लिए 90 mm Hg से कम और डायस्टोलिक(diastolic) के लिए 60 mm Hg से कम को लो बीपी माना जाता है, और इस अवस्था को low BP या hypotension कहते है।
Low BP के कई कारण हो सकते हैं जैसे शरीर में पानी की कमी, दवाई का बुरा effects, खून की कमी,हृदय रोग,गर्भावस्था,एसिडिटी, surgery या गंभीर चोट के कारण, genetic, stress, drugs, खाने से जुड़ी खराब आदतें, ज्यादा भूखा रहना आदि।
चक्कर आना या सर घूमना, Vomiting, nausea, बेहोशी (सिंकोप),थकान या शरीर भारी लगना,ध्यान लगाने में परेशानी होना,आंखों के सामने अंधेरा छाना, धुंधला दिखाई देना,हाथ-पैर ठंडे होना,चेहरा सफेद पड़ना,सांस लेने में दिक्कत होना,खाने में परेशानी होना आदि Low blood pressure के लक्षण हो सकते हैं
बचने के उपाय
खाने में नमक की मात्रा सामान्य रखें, नियमित exercises करे, cigarettes, alcohol या अन्य कोई नशे का सेवन न करें, दिनभर में कम से कम ८ ग्लास पानी पीये जैसे की milk, मट्ठा, juice, लस्सी आदि, झटके से अचानक न उठें, अत्यधिक मानशिक या शारीरिक stress से बचें, खाने में हरी सब्जियों और फलों को ज्यादा शामिल करें।
Blood pressure कैसे Check Kare - How to check blood pressure ?
Blood pressure problem आज अधिकतर लोगों में देखी जाती है। Blood pressure की जांच करवाना बहुत ज़रुरी है। बहुत से लोग इस समस्या पर ध्यान नहीं देते है कुछ लोगों को high blood pressure होता है और कुछ लोगों को low blood pressure की समस्या होती है। लेकिन यह दोनों ही खतरनाक होती है। जिससे व्यक्ति को बहुत सी तरह की problems हो सकती है। तो चलिए जानते है blood pressure नापने का तरीका
यह स्वास्थ्य से जुड़ी एक major health problem है। कुछ सालों में blood pressure से जुड़े patients की संख्या में वृद्धि हुई है। blood pressure को समय-समय पर मापना चाहिए। इसके लिए यह ज़रुरी नहीं है की आप डॉक्टर के पास ही जाए आप घर पर ही अपना blood pressure check कर सकते है। blood pressure की problem बहुत common हो चुकी है इसलिए घर पर ही blood pressure check करना आना चाहिए। इसके लिए आपको बस blood pressure check करने वाले उपकरणों की जानकारी होनी चाहिए।
घर पर blood pressure check करने के लिए आप 2 उपकरणों का प्रयोग कर सकते है। जिसका उपयोग करके आप घर पर ही blood pressure check कर सकते है।
1. Stethoscope
इसे डॉक्टर एक तरफ अपने कान में लगाते है और दूसरी तरफ से Diaphragm से सिने पर लगाकर धड़कन सुनते है।
2. Sphygmomanometer
इस उपकरण से blood pressure check की जाती है।
Sphygmomanometer Blood Pressure Monitor के प्रकार
Manual Sphygmomanometer
Digital Sphygmomanometer
Manual Sphygmomanometer
DIFFERENTIAL LEUKOCYTE COUNT (DLC)
1.Mercury Sphygmomanometer – blood pressure को मापने के लिए सबसे मानक उपकरण है इसमें एक कफ जो रबर ट्यूब से एक स्केलिंग ट्यूब जिसमें पारा होता है जुड़ा होता हैं ,एक रबर बल्ब जो स्टील नॉब से अटैच होकर रबर ट्यूब से कफ में जुड़ा होता है इस तरह एक परिपथ बनता है जो हवा भरने पर पारा को स्केलिंग ट्यूब में चढ़ाता हैं |
2.Aneroid Sphygmomanometer - इसमें cuff टयूबिंग के साथ एक डायल गेज से जुड़ा हुआ रहता है। गेज हेड में यांत्रिक भाग होते हैं जो कफ के दबाव को गेज आधारित रीडिंग में परिवर्तित करते हैं जो दिखने में किसी बाइक की मीटर की तरह होता हैं लेकिन Aneroid भी पूर्ण विश्वसनीय नहीं है क्यों कि इसमें घड़ी के सामान स्प्रिंग लगा होता है Aneroid का स्प्रिंग ढीला हो जाने पर उसकी माप सही नहीं आती ।
Digital Sphygmomanometer
1.Automatic Digital Blood Pressure Monitor- इसमें अपने खुद का blood pressure check कर सकते है ये बैटरी से चलती है इसमें Stethoscope की जरुरत नहीं है इसमें एक cuff and monitor screen होती है monitor screen में blood pressure और pulse rate को देख सकते हैं डिजिटल कभी-कभी ब्लड प्रेशर कम या फिर ज्यादा बताता है।
यदि आप blood pressure check कर रहे है तो इसके लिए नीचे दी गई steps को follow करे। जिसकी सहायता से आप blood pressure check कर पाएँगे।
Blood pressure check करते समय सावधानियाँ-
Blood pressure check करते समय बातें न करें ,चाय,कॉफी alcohol,धूम्रपान के स्थिति में न मापे, लगभग 20 मिनट शांत बिठाने के बाद मापना चाहिए|
Blood pressure check कैसे करते हैं (Mercury Sphygmomanometer)
सबसे पहले मरीज को relax हो कर कुर्सी पर बिठायें |
अब मरीज के बाएं हाथ में cuff को कोहनी (elbow) और कंधे (shoulder) के बीच, कोहनी से लगभग एक इंच ऊपर मध्य प्रगण्ड-धमनी (brachial artery) पर इस तरह से लपेट कर बांधें कि cuff पर लगी दोनों नली मरीज़ के हाथ के अंदर की ओर कोहनी के मोड़ के पास होनी चाहिए। |
अब stethoscope को कान में लगाये और रोगी की कोहनी के मोड़ पर (bronchial artery के ऊपर ) Diaphragm को रखे।
BP Machine के रबर बल्ब के नॉब घुमाये और टाइट करे।
रबर बल्ब को दबाते हुए BP Machine के प्रेशर को बढ़ाये। इससे हाथ में बंधे कफ में हवा भरने लगती है और मशीन में लगे Scaling tube में पारा ऊपर जाने लगता है तथा रक्त वाहिनी में खून का प्रवाह कुछ देर के लिए रुक जाता है | कोहनी में पल्स की आवाज़ जिस प्रेशर पर stethoscope से सुनना बंद हो जाती है उससे 10 अंक ज्यादा ( लगभग 180 ) तक प्रेशर को बढ़ाये।
अब नॉब को धीरे -धीरे घुमाकर ढीला करे इससे कफ में बना प्रेसर कम होने लगता है और पारा नीचे आने लगता है | पारा नीचे आते समय रक्त प्रवाह फिर से शुरू हो जाता है और stethoscope में धक् -धक् जैसी आवाज आने लगती है |
BP Machine में पारा के जिस अंक पर पहली बार स्टेथोस्कोप से पल्स की जो आवाज़ सुनाई देगी उसे कहीं पर नोट कर लीजिये। इसे Systolic Blood Pressure कहते है।
इसके बाद भी पारा नीचे उतरता रहता और साउंड बढ़ते जाती है और एक समय के बाद stethoscope में धक् -धक् जैसी आवाज आना बंद हो जाती है उस अंक को नोट करे इसे Diastolic Blood Pressure कहते है। किसी-किसी ब्यक्ति में साउंड आखिर तक आते रहती है उस condition में जिस पॉइंट पर sound एकाएक (suddenly) कम हो जाती है उसे Diastolic Blood Pressure मानते हैं |
आख़िरी में पूरा नॉब खोल दीजिये और कफ़ को दबाकर पूरी हवा निकाल दीजिये।
Blood pressure check कैसे करते हैं (Automatic Digital Blood Pressure Monitor)
सबसे पहले मरीज को relax हो कर कुर्सी पर बिठायें | सावधानी का पालन करें |
अब मरीज के बाएं हाथ में cuff को कोहनी (elbow) और कंधे (shoulder) के बीच, कोहनी से लगभग एक इंच ऊपर मध्य प्रगण्ड-धमनी (brachial artery) पर इस तरह से लपेट कर बांधें कि cuff पर लगी दोनों नली मरीज़ के हाथ के अंदर की ओर कोहनी के मोड़ के पास होनी चाहिए। |
जिस हाथ में कफ लगा है मुट्ठी को खोल कर | हाथ को मशीन के बगल में रखें |
अब BP monitor में लगे start switch को ऑन करे | मशीन स्टार्ट होने पर automatic हाथ में बंधे कफ में हवा भरने लगती है यह starts होने के बाद cuff में पर्याप्त मात्रा में pressure बनाने के बाद खुद रुक जाती है | यह machine तब तक ऑन रहती है जब तक रक्त वाहिनी में खून प्रवाह बंद नहीं हो जाता है |
इसके बाद दबाव कम होने लगता है और रक्त वाहिनी का रक्त प्रवाह धीरे-धीरे शुरू हो जाता है | इस दौरान धमनी के दीवारों में एक कंपन बनने लगता है , विद्युत संकेतों में बदल जाता है | इस प्रकार ब्लड प्रेसर की माप स्क्रीन पर डिजिटल रूप में दिखने लगता है |
डिजिटल ब्लड प्रेशर मॉनिटर, सिस्टोलिक(Systolic), डायस्टोलिक(Diastolic) ब्लड प्रेशर और पल्स (Pulse Rate) को भी बताता हैं |
DIFFERENTIAL LEUKOCYTE COUNT (DLC)